Thursday, August 2, 2012

*रक्षा-बंधन*


राखी का धागा है सब धागों में अनमोल
बहना के प्यार का नही है कोई मोल
दिल से निकलती है दुआ भाई के लिए
देना ना कोई गम प्रभु एक पल के लिए

उसके जीवन में ना कोई गम देना
भरना झोली उसकी ना खाली रखना
भाई का प्यार ही बहना का जीवन है
और जीवन में भाई बिना सूनापन है

सब बहनों को खुशियाँ देता है ये पर्व
इसलिए तो कहते है इसे रक्षाबंधन
बहन से भाई का प्यार ना छूटे कभी
सब रूठे, पर भाई-बहन ना रूठे कभी

यदि रूठा है आज कोई बहन से भाई
भूलकर ही सही,गले से लगा लो मेरेभाई
याद आएगा उसको बचपन का मेला
वो कागज की किश्ती वो पानी का रेला

कुंवरानी मधु सिंह

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