Wednesday, June 20, 2012

*मेरे पिता *



एक हूक सी मेरे ह्रदय में भी उठ आई
आज फिर मुझे पिता की याद आई
आज ना माँ है ना पिता है मेरे पास
आशीर्वाद उनका है हमेशा मेरे साथ ,

देख रहे होंगे वो भी मुझे कहीं से
और दे रहे होंगे आशीर्वाद वही से
पर मन मेरा व्याकुल हो रहा था
आंसुओं से चेहरा भिगो रहा था

रह-रह कर याद दोनों की आ रही थी
मन की मुस्कुराहट गुम हो रही थी
सहसा मैंने अपने को नियंत्रण किया
और अपने बच्चो की और ध्यान दिया

आज उन्होंने भी अपने पापा को खुश किया
कार्ड,शर्ट देकर प्रात:ही पापा को विश किया..
मन मेरा प्रफुल्लित था उनको देखकर
और कुंवर जी खुश थे हम सब को देखकर
*कुंवरानी मधु सिंह*

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