Tuesday, October 9, 2012

भारतीय नारी


मेरी आँखों में क्रोध की ज्वाला 
यू ही नही भड़क रही है
सामने है दुश्म
न हजारो
चिंगारी ह्रदय में सुलग रही
शक्ति का इन्हें क्यू ना हो गरूर
इनको सबक सिखाना जरुर है
भारतीय नारी क्या होती है??
वो चंडी वाला रूप दिखाना जरुर है
बन दुर्गा आज इतिहास रचाऊँगी मै
कांपेंगे थर- थर आज शत्रु सारे
अपनी आण-बाण-शान की खातिर
रण भूमि पर इन्हें गिराउंगी मै....
कुंवरानी मधु सिंह

1 comment: