हिंदुत्व की ये बात करे
क्या है हिंदुत्व पता नही
हिंदुत्व है समुद्र गहरा
भारतवासी इसमें समाये है
सभी जाति-गोत्र-धर्म-वर्ण
समूचा राष्ट्र हिंदुत्व है
नदी-झरने-पहाड़-पर्वत
सब हिंदुत्व में समाहित है
हिंदुत्व है पवित्र वट-वृक्ष
सबके लिए समान है
शाखाओं को शाखाओं से
ये धूर्त-मक्कार उलझाते है
राष्ट्र की इन्हें चिंता नही
जनता की परवाह नही
जबान पर लगाम नही
बार-बार खिल्ली उडवाते है
वासुधैव-कुटुंब है हिंदुत्व
सबको इसमें मिलाना है
प्रेम-प्यार की भावना से
राष्ट्र को आगे बढाना है
कुंवरानी मधु सिंह
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