एक शक्ति है,एक ही बिंदु है
वही सभी में पूर्ण व्याप्त है
उसके बिना किसी जीव को
जीवन में कहाँ सुख प्राप्त है
वही शक्ति है जिसको पाकर
हम आह्लादित हो जाते है
वही स्रोत है जिसे देखकर
हम सब मर्यादित हो पाते है
वही शक्ति सबको देती है
सुख-सुविधा-धन-वैभव जितने
शेष शारदा कह ना सके है
मिलते है वर उससे उतने
कुंवरानी मधु सिंह
सुंदर रचना.....
ReplyDelete