अपने देश में हम अमन चाहते है
लड़ाई है हमारी जुल्म के खिलाफ,
फैसला अगर जंग से है निकलता
फिर जंग चाहते है जुल्म के खिलाफ..........
कोरवो की सेना बन रही है चारो तरफ
आशीर्वाद है इन पर गुरु नेताओ का
फिर से तुम्हे वही वनवास होगा पांडव
यदि तुम इस बार भी ना जाग पाए जुल्म के खिलाफ
अब तो कर दो पांचजन्य शंख नाद
या अभी और दुर्दशा देखना बाकि है
कोई कृष्ण बनकर दो फिर से वही उपदेश
कोई बन अर्जुन गांडीव तो उठाओ जुल्म के खिलाफ
यू ही दोष लगता रहेगा युवा नेतृत्त्व पर
युवाओ के खून में नही है कोई कमी
अब तो कोई एक अभिमन्यु बनकर
चक्रव्यूह को तोड़ेगा फिर से जुल्म के खिलाफ..............
**कुंवरानी मधु सिंह***
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