Wednesday, December 19, 2012

अस्मिता

सरेआम हुई लडकी की अस्मिता तार-तार
फिर से रो रहा है हर औरत का दिल जार-जार
क्या इस देश में हालात हो गए इतने खराब
नही किसी के पास,इस असुरक्षा का जवाब

पुरुष प्रधान समाज में कोई नही बोल सकता
कानून सजा दे कैसे कोई गवाही नही दे सकता
सारे नियम कानून सब इनकी पॉकेट में पड़े है
जब चाहे,जैसे चाहे लागू करवाने पे अड़े है

जीवन जीने के लिए मृत्यु से जूझ रही है
कैसे बचाया जाये इसको डाक्टरों की टीम लगी हुई है
अपने इस दुखद क्षण को चाह कर भी ना भुला पाएगी
डरेगी इतना कि किसी पुरुष पर विश्वाश न कर पाएगी

कुंवरानी मधु सिंह

1 comment:

  1. bahutआज अभी पहली बार आप दोनों का यह ब्लॉग स्पॉट देखा | बहुत अच्छा लगा | भारत देश और हिन्दू समाज को आप दोनों के जैसे रोल मॉडल की बहुत जरुरत है |

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