Sunday, May 6, 2012

** बेटी **


मै न मांगू सोने-चांदी का पालना
न मांगू लकड़ी का भी ,
बस हिम्मत कर माँ एक बार लड़कर
सबसे,दे मुझे जन्म अभी

समाज में,माँ आज अगर तू हार गई,,
फिर कभी न जीत पायेगी
न होगी कोई पैदा लड़की, फिर बेटी
किसे कह पायेगी,

बस एक बार तू दे जन्म मुझे
सारे दुःख मिटा दूंगी
दुर्गा माँ बन, तेरे मै सारे कष्ट
मिटा दूंगी ,,

आने दे मुझे भी इस संसार में
स्वार्थी लोगो को जानू मै
कैसे क़त्ल करते है उस मासूम का,
बस ये ही देखना चाहू मै,
**कुंवरानी मधु सिंह**

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